क्या हमारे देश के राजनेता कमजोर हैं. या वोट बैंक की राजनीति है.
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j&k\
देश के लिए मर मिटने वाले हमारे जवान हमारे सैनिक भाई आज सब कुछ होते हुए भी पत्थर से मार खा रहे यहाँ तक की अब जिन्हें भटके हुए उवा कहा जाता था वो आज अकेले नही उनके साथ लड़कियों बच्चे और महिलाये भी उनका साथ दे रही और हमारे जवान आज बेबस सा दिख रहे
पत्थर से खुद का बचाओ ही उसके पास एक मात्र रास्ता है सायद इसे ही वोट बैंक की राजनीति कहा जाता है वरना अगर हमारी सेना और सभी देश सेवा में लगे सैनिक चाहे वो पुलिस बल हो या CRPF के जवान आज और अभी से पत्थर बाज़ी या सुकमा जैसी घटना तो दूर किसी गली मोहल्ले में भी आपसी झगड़ा न होने दे.
आखिर क्या मजबूरी है प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी जी की या गृहमन्त्री श्री राजनाथ सिंह जी की जो आज बेबस सा दिख रहे ये ऐसे हालातों पर
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जम्मू&कश्मीर |
मैंने खुद २०१३ में कई सभाएँ देखी श्री नरेन्द्र मोदी जी की एक तेज़ था .एक जुनून .था एक कशिश थी .जो आज कही नही दिख रही क्या होम मिनिस्टर जी तय नही कर प् रहे या किसी भारी दबाव में हैं वो जिस तरह हर एक घटना के बाद उनका बयान जो कांग्रेस शासन काल में था वही निंदा रूपी हो गया है .. हमे एक अच्छा रछा मंत्री मिला मनोहर परिकर के रूप में उन्हें भी राजनीति और कुर्सी ने हमसे छीन लिया
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J&K |
प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी देश को आप से बहुत उम्मीदें हैं और सुकमा में हुए घटना के बाद सब आप के बोलने और कुछ करने की उम्मीद में बैठ हैं उम्मीद है आप देश को निराश और निंदा रूपी बयानबाज़ी से उपर उठ कर कुछ बड़ा कदम इस देश की सेवा करने वाले जवानों के लिए आप कुछ करेंगे ... एक देश भक्त
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