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बुधवार, मार्च 8

महिला दिवस या महिलाओ का उपहास दिवस अगर सच में महिला दिवस तो सिर्फ आज क्यों। .. मेरी कलम से


आप सभी मित्र जनों को महिला दिवस की हार्दिक सुभ कामनायें...♀
women day 
 कुछ बाते लिखना चाहूंगा पसन्द आये तो एक लाइक जरूर देना वैसे मुझे न तो लाइक ये प्यार है न कमेंट से ....♂

मित्रों महिला दिवस की सुभ कामनाये सायद सब एक दूसरे को दे रहे होंगे और देना भी चाहिए अच्छी बात है

पर एक बार सोचा है अपने महिला जो की हमारे जीवन में हमारे जन्म लेते ही उसका योगदान सुरु हो जाता है एक माँ के रूप में जो तमाम परेशानियों के बीच हमे बड़े लाड- प्यार से पालती है महिला जो एक बहन के रूप से हमारे जीवन में सुखद अपना पन सिखाती है और सायद ही कोई भाई उन यादो को भूल पता हो फिर महिला ये बुआ के रूप हो या एक मौसी के रूप से और बहुत से रूप से हमारे जीवन को निखरती हैं हमे इस बात का एहसास भी है और उनकी यादे भी है...

एक सँजोग ये भी है की एक महिला ही अपने जीवन के वो पल जो अपने भाई माँ और पिता जी के साथ गुजरे उन्हें छोड़ कर त्याग कर के हमारे जीवन में जीवन संगनी बन कर आती है ...पर मुझे बड़े दुःख के साथ लिखना पड रहा की आज जब एक महिला अकेली रोड पर निकलती है तो तो हर उम्र के लोग हर गली में छीटाकशी बेहूदी हरकते बुरे कंमेंट करते नजर जाते है और वो वही हैं जो आज बड़ चढ़ कर महिला दिवस की सुभ कामनाये भेट कर रहे...आखिर उन्हें इस बात का एहसास क्यों नही होता को की एक महिला उनके भी घर में है माँ के रूप में बहन के रूप में भाभी के रूप में और पत्नी के रूप में .. आखिर क्यों नही सोचते ...एक बार सोचो आप भी और हम भी ...सायद फिर आप किसी महिला पर गलत टिप्पड़ी करना ही छोड़ दोगे बस एक बार सोच कर देखो..... आपको एहसास होगा की आप आखिर कर क्या रहे हो कही आपके परिवार के साथ तो ऐसा नही हो रहा सोचो मित्रो सोचो .....आपका मित्र ...आनू मिश्रा

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