क्रिकेट को जेंटलमेन का खेल कहा जाता है, और इसमें रिकॉर्ड्स की भरमार होती है – कभी कोई ताबड़तोड़ शतक लगाकर इतिहास रच देता है, तो कोई हैट्रिक से फैंस के दिल जीत लेता है। लेकिन क्या आपने कभी उन शर्मनाक रिकॉर्ड्स के बारे में सुना है, जिन्हें सुनकर खिलाड़ी भी सिर झुका लेते हैं?
आज हम आपको बताने जा रहे हैं क्रिकेट के ऐसे 5 शर्मनाक रिकॉर्ड्स, जिन्हें कोई भी खिलाड़ी अपने नाम नहीं करना चाहेगा।
1️सबसे ज्यादा "डक" (Zero पर आउट होने का रिकॉर्ड)
रिकॉर्ड होल्डर: मुथैया मुरलीधरन (श्रीलंका) – 59 बार डक पर आउट
बल्लेबाजों के लिए "डक" यानी बिना कोई रन बनाए आउट होना सबसे बुरा सपना होता है। लेकिन मुरलीधरन, जो एक दिग्गज गेंदबाज रहे हैं, कुल 59 बार डक पर आउट हो चुके हैं। यह रिकॉर्ड टेस्ट, वनडे और टी20 इंटरनेशनल को मिलाकर है।
❝ बल्लेबाजों की नजर में ये एक "काला धब्बा" होता है। ❞
2️ एक ओवर में 6 छक्के खाना
रिकॉर्ड होल्डर: स्टुअर्ट ब्रॉड (इंग्लैंड)
2007 T20 वर्ल्ड कप में भारत के युवराज सिंह ने इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाज़ स्टुअर्ट ब्रॉड की 6 गेंदों पर 6 छक्के जड़ दिए। ये पल भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए गर्व का था, लेकिन ब्रॉड के लिए एक दर्दनाक याद।
❝ एक ओवर में 36 रन खाना किसी गेंदबाज़ के करियर को हिला सकता है! ❞
3️सबसे धीमी पारी (50+ गेंदों में बेहद कम रन)
रिकॉर्ड होल्डर: गॉडफ्रे इवांस (इंग्लैंड) – 72 गेंदों पर सिर्फ 10 रन
टेस्ट क्रिकेट में धैर्य ज़रूरी होता है, लेकिन अगर रन ही न बनें तो ये धैर्य शर्मिंदगी में बदल सकता है। इवांस ने 72 गेंदों में सिर्फ 10 रन बनाए थे, जो अब तक की सबसे धीमी पारियों में से एक मानी जाती है।
4️ सबसे खराब गेंदबाजी स्पेल (ODI में सबसे ज्यादा रन देना)
रिकॉर्ड होल्डर: मिक लुईस (ऑस्ट्रेलिया) – 10 ओवर में 113 रन
2006 के उस ऐतिहासिक मैच में साउथ अफ्रीका ने 434 रनों का पीछा करते हुए जीत हासिल की थी। इस दौरान मिक लुईस ने 10 ओवर में 113 रन लुटाए, जो ODI इतिहास का सबसे खराब गेंदबाजी आंकड़ा बन गया।
❝ गेंदबाज़ों का सबसे डरावना सपना – हर गेंद पर चौका या छक्का! ❞
सबसे ज्यादा डक बतौर कप्तान
रिकॉर्ड होल्डर: वसीम अकरम (पाकिस्तान) – 10 बार डक पर आउट
कप्तान से टीम को प्रेरणा देने की उम्मीद होती है, लेकिन जब वही खिलाड़ी बार-बार बिना खाता खोले आउट हो, तो ये टीम के लिए भी चिंता का विषय बन जाता है। वसीम अकरम, भले ही एक महान गेंदबाज रहे हों, मगर बतौर कप्तान 10 बार डक पर आउट हुए – जो एक शर्मनाक आंकड़ा है।
निष्कर्ष
क्रिकेट सिर्फ जीत और रनों का खेल नहीं है, इसमें गिरने और फिर उठने की भी कहानी होती है। ये शर्मनाक रिकॉर्ड्स हमें ये सिखाते हैं कि कोई भी खिलाड़ी परफेक्ट नहीं होता। हर बड़े नाम के पीछे कुछ कड़वे अनुभव और सीखने की कहानियाँ छिपी होती हैं।
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